Sampoorn Maharavan
"चुड़ैल मां-0791 पाप के अवतार महारावण और उसके अनुयायियों के...
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"चुड़ैल मां-0791 पाप के अवतार महारावण और उसके अनुयायियों के नाश हेतु भोकाल को चुना गया था जो स्वयं अशक्त एवं मरणासन्न था! उसे संभाला एक ममतामयी मां ने जो दिन में उसकी हर संभव सेवा एवं देखभाल करती थी परन्तु रात्रि होते ही उसके लहू से अपना गला तर करती थी! क्या भोकाल उस मां से अपने प्राण बचा पाया जो थी चुड़ैल मां? दिव्यास्त्र-0795 पाप के अवतार के नाश के लिए भोकाल निकल पड़ा देवों द्वारा सुरक्षित किए गए दिव्यास्त्र को प्राप्त करने! परंतु प्रत्येक दिव्यास्त्र को प्राप्त करना मृत्यु को चुनौती देने के समान था! क्या भोकाल ये कठिन परीक्षा पार कर दिव्यास्त्र प्राप्त कर पाया? कालकूट-0095 पाप के अवतारों के नाश के लिए दिव्यास्त्र प्राप्त कर जब भोकाल निकला तो उसके सामने आकर खड़ा हो गया स्वयं पाप का महापर्वत कालकूट जो सैकड़ों काली शक्तियों का धारक था! क्या भोकाल कालकूट को परास्त कर पाया? मृत्युजीत-0097 भोकाल का सामना हुआ एक ऐसे शत्रु से जिसने स्वयं मृत्यु को जीत लिया था और कहलाया मृत्युजीत! क्या भोकाल उसे हरा पाएगा जिससे स्वयं मृत्यु हार गई हो? डंकिनी-0099 पाप के अवतारों का नाश करने निकले भोकाल के सामने थी कलंका के तीन स्तम्भों में से एक डंकिनी जिसके डंकों में छुपी थी हजारों काली शक्तियां! क्या भोकाल डंकिनी के डंकों को तोड़ पाया या हो गया उसके डंकों का शिकार? कपालिका-0103 कलंका के तीन स्तम्भों में से एक कपालिका जो कर रही थी रुधिर यज्ञ जिसके पूरे होने के बाद कोई भी पुण्य शक्ति असुरों को क्षति नहीं पहुंचा सकती थी! क्या भोकाल एवं उसके साथी इस यज्ञ को पूरा होने से रोक पाए? कलंका-0107 भोकाल और उसके साथी जा पहुंचे पाप की नगरी कलंका जहां उसके सामने थी पाप की देवी महान कलंकिनी जिसके सामने भोकाल और उसके साथी चींटी की भी हैसियत नहीं रखते थे! क्या भोकाल कलंकिनी से जीत पाया या कलंका बन गई उनकी मृत्युभूमि? महायुद्ध-0112 भोकाल का सामना इसबार हुआ महारावण के भाई हिमराज से जिसने अपनी तप शक्ति से देवताओं तक को अपने पक्ष में युद्ध करने को विवश कर रखा था! क्या भोकाल और उसके साथी देवताओं के सामने टिक सके या भोकाल की इति बन कर रह गया ये महायुद्ध? महारावण-0114 भोकाल का सामने था अब स्वयं पाप का अवतार महारावण जिसकी शक्तियों के सामने भोकाल नगण्य था! और साथ ही उसके सारे दिव्यास्त्र भी हो चुके थे समाप्त! तो क्या बिना किसी दिव्यास्त्र के भोकाल महारावण की सैकड़ों महाशक्तियों का अंत कर पाया या भोकाल का काल बन गया महारावण?"
- Format:Hardcover
- Pages:480 pages
- Publication:2015
- Publisher:Raj Comics
- Edition:Collectors edition
- Language:hin
- ISBN10:
- ISBN13:9789332422315
- kindle Asin:9332422311









