नया विधान
Share:
यदि इस कथा के नायक शैलेश्वर घोषाल अपनी पत्नी की मृत्यु के...
Also Available in:
- Amazon
- Audible
- Barnes & Noble
- AbeBooks
- Kobo
More Details
यदि इस कथा के नायक शैलेश्वर घोषाल अपनी पत्नी की मृत्यु के उपरान्त लोकलाज की उपेक्षा करके पुनर्विवाह के अपने विचार को कार्यरूप दे पाते, तो निश्चित रूप से इस लघु उपन्यास का स्वरूप वर्तमान से कितना भिन्न होता, इसका अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता।
- Format:Paperback
- Pages:167 pages
- Publication:2007
- Publisher:किताबघर प्रकाशन
- Edition:
- Language:hin
- ISBN10:
- ISBN13:
- kindle Asin:B0DLT8HXHH